C.TET पाठ्यक्रम तथा परीक्षा पैटर्न 2020 ( C.TET SYLLABAS AND PATTERN 2020)

C.TET पाठ्यक्रम तथा परीक्षा पैटर्न 2020 ( C.TET SYLLABAS AND PATTERN 2020)
C.TET का पूरा नाम Central Teacher Egibility Test है जिसे हिन्दी में केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा कहते हैं। इस परीक्षा का आयोजन C.B.S.E. Board द्वारा किया जाता है।
C.TET परीक्षा पैटर्न न्यूनतम योग्यता अंकः
सीटेट परीक्षा में एक ही दिन में दो पेपर आयोजित किए जाते हैं- पेपर प्रथम तथा पेपर द्वितीय ।पेपर प्रथम प्रथम पाली में तथा पेपर द्वितीय द्वितीय पाली में आयोजित किया जाता है। पेपर प्रथम उन उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है जो कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक बनना चाहते हैं जबकि पेपर- द्वितीय उन उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है जो कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक बनना चाहते हैं। जो कक्षा एक से आठवीं तक के शिक्षक बनना चाहते हैं उनके लिए पेपर प्रथम तथा पेपर- द्वितीय दोनों आयोजित किया जाता है । उपरोक्त दोनों पेपर में आब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक पेपर में 150 प्रश्न पूछे जाते हैं तथा प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है, नकारात्मक अंकन का प्रावधान नहीं है। प्रश्न पत्र द्विभाषी माध्यम होता है हिंदी तथा अंग्रेजी। सीटेट परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की जाती है। प्रत्येक प्रश्न पत्र ढाई घंटे का होता है। यह परीक्षा टीचर बनने के लिए मात्र एक अर्हता परीक्षा है जिसकी वैधता 7 वर्ष है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद कोई अभ्यर्थी टीचर बनने के लिए चैलेन्ज नहीं कर सकता।
पेपर 1 परीक्षा पैटर्नः
विषय | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
भाषा 1 (अनिवार्य) | 30 | 30 |
भाषा 2 (अनिवार्य) | 30 | 30 |
बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 |
पर्यावरण अध्ययन | 30 | 30 |
गणित | 30 | 30 |
सम्पूर्ण | 150 | 150 |
पेपर 2 परीक्षा पैटर्नः
विषय | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
भाषा 1 (अनिवार्य) | 30 | 30 |
भाषा 2 (अनिवार्य) | 30 | 30 |
बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 |
सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन (सामाजिक विज्ञान और सामाजिक अध्ययन शिक्षक के लिए मात्र) | 60 | 60 |
गणित और विज्ञान (केवल गणित तथा विज्ञान शिक्षक के लिए) | 60 | 60 |
सम्पूर्ण | 150 | 150 |
अनिवार्य भाषा के विषयः हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी तथा उर्दू।
कक्षा 1 से 5 तक का शिक्षक बनने के लिए पात्रता मापदण्डः
(1)प्राइमरी स्टेज सीनियर सेकेण्डरी (या इसके समकक्ष) कम से कम 50 अंकों के साथ उत्तीर्ण तथा 2-1 डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एजुकेशन के अन्तिम वर्ष में।
अथवा
(2) वरिष्ठ माध्यमिक (या इसके समकक्ष)कम से कम 45% अंकों के साथ उत्तीर्ण तथा एनसीटीई विनियम 2002 के अनुसार प्रारम्भिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा के अन्तिम वर्ष में ।
अथवा
(3) सीनियर सेकेण्डरी (या इसके समकक्ष) कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण या 4-वर्ष के अन्तिम वर्ष में स्नातक की शिक्षा प्राप्त (B.EI.Ed.)।
अथवा
(4) सीनियर सेकेण्डरी (या इसके समकक्ष )कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण तथा 2-1 डिप्लोमा इन एजुकेशन (विशेष शिक्षा) के अन्तिम वर्ष में उत्तीर्ण।
अथवा
(5) कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातक तथा शिक्षा स्नातक उत्तीर्ण।
अथवा
(6) प्राथमिक शिक्षक के रूप में ऐसी नियुक्ति को 2 साल के भीतर एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में पाठ्यक्रम।
कक्षा 6 से 8 तक का शिक्षक बनने के लिए पात्रता मापदण्डः
(1)प्रारम्भिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा के अन्तिम वर्ष में स्नातक उत्तीर्ण।
अथवा
(2) कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातक तथा 1 वर्षीय बैचलर इन एजुकेशन (B.Ed) परीक्षा दी हो।
अथवा
(3) कम से कम 45% अंकों के साथ स्नातक तथा 1 वर्षीय बैचलर इन एजुकेशन (B.Ed) में उत्तीर्ण या उपस्थित होना ।
अथवा
(4) कम से कम 50% अंकों के साथ सीनियर सेकेण्डरी (या इसके समकक्ष) और प्रारम्भिक शिक्षा में 4- वर्षीय बैचलर के अन्तिम वर्ष में उत्तीर्ण या B.EI.Ed उत्तीर्ण ।
अथवा
(5) वरिष्ठ माध्यमिक (या इसके समकक्ष) कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण तथा 4 वर्षीय डिप्लोमा बी0ए0/ बी0एस0सी0 के अन्तिम वर्ष में उत्तीर्ण । बी0ए0-एड/ बी0एस0सी0-एड या कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातक तथा 1 वर्षीय बी0एड0 (विशेष शिक्षा) में उत्तीर्ण या उपस्थित होना।
अथवा
(6) कोई उम्मीदवार जो शिक्षा में स्नातक डिग्री के अन्तिम वर्ष में या डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एजुकेशन आदि में अन्तिम रूप से प्रवेश कर रहे हैं तथा उनका C.TET प्रमाण पत्र केवल पूर्वोक्त परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ही मान्य होगा।
C.TET परीक्षा के लिए आयु सीमाः
C.TET परीक्षा में आवेदन करने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।
C.TET आवेदन शुल्कः
सामान्य / ओ0बी0सी0 के लिएः पेपर प्रथम या पेपर द्वितीय के लिए 1000 रुपए तथा दोनों पेपर के लिए 1200 रुपए।
एस0सी0/ एस0टी0 वर्ग के लिएः पेपर प्रथम या पेपर द्वितीय के लिए 500 रुपए तथा दोनों पेपर के लिए 600 रुपए।
C.TET पाठ्यक्रम 2020
पेपर- प्रथम (कक्षा 1 से 5 के लिए) प्राथमिक स्तर(हिन्दी माध्यम)
1-बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्रः
(क)बाल विकास (प्राथमिक विद्यालय का बालक) 15 प्रश्न
विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध, बालकों के विकास के सिद्धान्त, अनुवांशिकता तथा पर्यावरण का प्रभाव, सामाजिकीकरण प्रक्रियाएः सामाजिक विश्व तथा बालक (शिक्षक, अभिभावक तथा मित्रगण), पियागेट, कोन्हवर्ग,जाइगेट, कोलवर्क तथा वायोगोटस्कीः निर्माण और विवेचित संदर्श, बाल-केन्द्रित तथा प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणाएं, बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श, बहु-आयामी बौद्धिकता, भाषा तथा चिन्तन,समाज निर्माण के रूप में लिंगः लिंग भूमिकाएं, लिंग पूर्वाग्रह तथा शैक्षणिक व्यवहार,शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता समझाना,अधिगम के लिए मूल्यांकन तथा अधिगम का मूल्यांकन के बीच अन्तरः विद्यालय आधारित व्यापक मूल्यांकनः संदर्श तथा व्यवहार तथा शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए (कक्षा में शिक्षण विवेचित चिंतन की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना)।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना 5 प्रश्न
गैर लाभ प्राप्त तथा अवसर वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को समझना, अधिगम सम्बंन्धी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना, मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अधिगम तथा अध्यापन 10 प्रश्न
बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
अधिगम तथा अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अधिगम कार्यनीतियाः सामाजिक क्रिया कलाप के रूप में अधिगमः अधिगम के सामाजिक सन्दर्भ।
एक समस्या समाधानकर्ता तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना;अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।
बोध तथा संवेदनाएं, प्रेरणा तथा अधिगम तथा अधिगम में योगदान देने वाले कारक- निजी तथा पर्यावरणीय।
(2)भाषा 1- 30 प्रश्न
(क)भाषा बोधगम्यता- 15 प्रश्न
अपठित अनुच्छेदों को पढ़नाः दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक तथा एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष व्याकरण तथा मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक तथा तर्कयुक्त हो सकता है)।
(ख)भाषा विकास का अध्यापन कला- 15 प्रश्न
अधिगम तथा अर्जन एवं भाषा अध्यापन के सिद्धान्त।
सुनने तथा बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
मौखिक कथा लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
एक भिन्न कक्षा में पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां तथा विकार।
भाषा कौशल।
भाषा बोधगम्यता तथा प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलना, सुनना ,पढ़ना तथा लिखना।
अध्यापन- अधिगम सामग्रियाः पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहु भाषाई संसाधन।
उपचारात्मक अध्ययन।
(3)भाषा 2 30 प्रश्न
(क)बोधगम्यता- 15 प्रश्न
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक या साहित्यिक या वर्णनात्मक या वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण तथा मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे)।
(ख)भाषा विकास की अध्यापन कला- 15 प्रश्न
अधिगम तथा अर्जन और भाषा अध्यापन के सिद्धान्त।
सुनने तथा बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार के उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
मौखिक कथा लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
एक भिन्न कक्षा में पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां तथा विकार।
भाषा कौशल।
भाषा बोधगम्यता तथा प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलना, सुनना ,पढ़ना तथा लिखना।
अध्यापन- अधिगम सामग्रियाः पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहु भाषाई संसाधन।
उपचारात्मक अध्ययन।
(4)गणित- 30 प्रश्न
(क)विषय वस्तु- 15 प्रश्न
ज्यामिति, आकार तथा स्थानिक समझ।
संख्याएं।
हमारे चारों तरफ विद्यमान ठोस पदार्थ।
जोड़ना-घटाना, गुणा करना, मापन, विभाजन तथा भार।
समय, आंकड़ा तथा प्रबन्धन।
पैटर्न तथा राशि।
(ख) अध्यापन कला सम्बन्धी मुद्देः 15 प्रश्न
गणितीय / तार्किक चिन्तन की प्रकृति; बालक के चिन्तन तथा कार्यशक्ति पैटर्नों डालो एवं अर्थ निकालने तथा अधिगम की कार्यनीतियों को समझना।
पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
सामुदायिक गणित तथा गणित की भाषा।
औपचारिक तथा अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन।
शिक्षण की समस्याएं।
त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू।
नैदानिक तथा उपचारात्मक शिक्षण।
(5)पर्यावरणीय अध्ययनः 30 प्रश्न
(क) विषय वस्तुः 15 प्रश्न
परिवार तथा मित्रः सम्बन्ध, कार्य तथा खेल, पशु तथा पौधे।
भोजन, आश्रय, पानी तथा भ्रमण।
वे चीजें जो हम बनाते तथा करते हैं।
(ख) अध्यापन सम्बन्धी मुद्देः 15 प्रश्न
ईवीएस की अवधारणा तथा व्याप्ति, एबीएस का महत्व तथा एकीकृत ईवीएस।
पर्यावरणीय अध्ययन तथा पर्यावरण शिक्षा।
अधिगम के सिद्धान्त एवं विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति एवं सम्बन्ध।
अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण।
क्रियाकलाप तथा प्रयोग / व्यवहारिक कार्य।
चर्चा, शिक्षण सामग्री / उपकरण।
सीसीई।
समस्याएं।
पेपर- 2 (कक्षा 6 से 8 के लिए) प्राथमिक स्तर (हिन्दी माध्यम)
1-बाल विकास तथा अध्यापन कलाः 30 प्रश्न
(क)बाल विकास (प्रारम्मिक विद्यालय का बालक) 15 प्रश्न
विकास की अवस्था तथा अधिगम के उसका सम्बन्ध।
बालकों के विकास के सिद्धान्त एवं अनुवांशिकता तथा पर्यावरण का प्रभाव।
सामाजिकीकरण दबावः सामाजिक विश्व तथा बालक (शिक्षक, अभिभावक तथा मित्रगण)।
पियाजे, कोलवर्क तथा वायोगोटस्कीः निर्माण और विवेचित संदर्श।
बाल-केन्द्रित तथा प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं।
बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श।
बहु-आयामी बौद्धिकता।
भाषा तथा चिन्तन।
समाज निर्माण के रूप में लिंगः लिंग भूमिकाएं, लिंग पूर्वाग्रह तथा शैक्षणिक व्यवहार।
शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना।
अधिगम के लिए मूल्यांकन तथा अधिगम का मूल्यांकन के बीच अन्तरः विद्यालय आधारित व्यापक मूल्यांकनः संदर्श तथा व्यवहार।
शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए (कक्षा में शिक्षण तथा विवेचित चिन्तन के लिए एवं शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना)।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझनाः 5 प्रश्न
गैर-लाभ प्राप्त तथा अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई रखने वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अध्ययन तथा अध्यापन- 10 प्रश्न
बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
शिक्षण तथा अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएः बालकों की अध्ययन कार्यनीतियां, सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम तथा अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
एक समस्या समाधानकर्ता तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना; अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।
बोध तथा संवेदनाएं।
प्रेरणा तथा अधिगम।
अधिगम में योगदान देने वाले कारक- निजी तथा पर्यावरणीय।
(2)भाषा 1 30 प्रश्न
(क)भाषा बोधगम्यताः 15 प्रश्न
अपठित अनुच्छेदों को पढ़नाः दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक तथा एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष व्याकरण तथा मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक तथा तर्कमूलक हो सकता है।)
(ख) भाषा विकास का अध्यापनः 5 प्रश्न
अधिगम, अर्जन तथा भाषा अध्यापन के सिद्धान्त।
सुनने तथा बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
मौखिक कथा लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श।
एक भिन्न कक्षा में पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां तथा विकार।
भाषा कौशल।
भाषा बोधगम्यता तथा प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलना, सुनना ,पढ़ना तथा लिखना।
अध्यापन- अधिगम सामग्रियाः पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषाई संसाधन।
उपचारात्मक अध्ययन।
(3)भाषा 2 30 प्रश्न
(क)बोधगम्यताः 15 प्रश्न
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक या साहित्यिक या वर्णनात्मक या वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण तथा मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे) ृ।
(ख)भाषा विकास का अध्यापनः 15 प्रश्न
अधिगम तथा अर्जन।
भाषा अध्यापन के सिद्धान्त।
सुनने तथा बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार के उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
मौखिक कथा लिखित रूप में विचारों के सम्प्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
एक भिन्न कक्षा में पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां तथा विकार।
भाषा कौशल, भाषा बोधगम्यता तथा प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलना, सुनना ,पढ़ना तथा लिखना
अध्यापन-अधिगम सामग्रियाः पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषाई संसाधन।
उपचारात्मक अध्ययन।
(4)गणित एवं विज्ञानः 60 प्रश्न
(1)गणित 30 प्रश्न
(क)विषय वस्तुः 20 प्रश्न
अंक प्रणालीः
अंकों को समझना, अंकों के साथ खेलना, पूर्ण अंक, नकारात्मक अंक तथा पूर्णांक तथा भिन्न।
बीज गणितः बीजगणित का परिचय, अनुपात तथा समानुपात।
ज्यामितिः मूलभूत ज्यामितिक विचार (2डी), बुनियादी आकारों को समझना (2डी तथा डी।
सममिति, निर्माण (सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक तथा परकार का प्रयोग करते हुए)।
क्षेत्रमितिः
आंकड़ा प्रबन्धनः
(ख) अध्यापन सम्बन्धी मुद्देः 10 प्रश्न
गणितीय / तार्किक चिन्तन की प्रकृति।
पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
गणित की भाषा तथा मूल्यांकन।
उपचारात्मक शिक्षण तथा शिक्षाण की समस्याएं।
(2)विज्ञानः 30 प्रश्न
(क)विषय- वस्तु 20 प्रश्न
भोजनः भोजन के स्रोत, भोजन के अवयव तथा भोजन को स्वच्छ करना।
चीजें कैसे कार्य करती हैः विद्युत करंट तथा सर्किट और चुम्बक।
सामग्रीः दैनिक उपयोग की सामग्री।
जीव-जन्तुओं की दुनिया, सचल वस्तुएं, लोग तथा विचार।
प्राकृतिक पद्धति तथा प्राकृतिक संसाधन।
(ख)अध्यापन सम्बन्धी मुद्देः 10 प्रश्न
विज्ञान की प्रकृति तथा संरचना, विज्ञान को समझना तथा उसकी सराहना करना।
प्राकृतिक विज्ञान, लक्ष्य तथा उद्देश्य।
दृष्टिकोण / एकीकृत दृष्टिकोण।
प्रेक्षण, प्रयोग तथा अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति)।
अभिनवता।
पाठ्यचर्या सामग्री तथा सहायता सामग्री और मूल्यांकनः संख्यात्मक / मनोप्रेरक / प्रभावन।
समस्याएं तथा उपचारात्मक विश्लेषण
(5)सामाजिक अध्ययन / सामाजिक विज्ञानः 60 प्रश्न
(क)विषय वस्तुः 40 प्रश्न
इतिहासः
कब, कहां तथा कैसे, प्रारम्भिक समाज।
प्रथम कृषक तथा चरवाहे और प्रथम शहर।
प्रारम्भिक राज्य तथा प्रथम साम्राज्य।
नए विचार।
सुदूरवर्ती विभागों के साथ सम्पर्क, राजनैतिक गतिविधियां एवं संस्कृत तथा विज्ञान।
नए सम्राट तथा साम्राज्य।
वास्तु कला।
दिल्ली के सुल्तान, साम्राज्य का सृजन, सामाजिक परिवर्तन, क्षेत्रीय संस्कृतियां तथा कम्पनी शासन की स्थापना।
ग्रामीण जीवन तथा समाज।
उपनिवेशवाद तथा जनजातीय समाज तथाजाति व्यवस्था को चुनौती।
1857 का स्वाधीनता संग्राम, राष्ट्रवादी आन्दोलन तथा स्वतन्त्रता के पश्चात भारत।
महिलाएं तथा सुधार।
भूगोलः
एक सामाजिक अध्ययन तथा एक विज्ञान के रूप में भूगोल।
ग्रहः सौरमंडल में पृथ्वी।
ग्लोब।
अपनी समग्रता में पर्यावरणः प्राकृतिक तथा मानव पर्यावरण।
वायु, जल तथा कृषि।
मानव पर्यावरणः बस्तियां, परिवहन तथा सम्प्रेषण।
संसाधनः प्रकार, प्रकृति एवं मानवीय।
सामाजिक तथा राजनीतिक जीवनः
विविधता।
सरकार, स्थानीय सरकार तथा लोकतन्त्र ।
आजीविका हासिल करना, मीडिया को समझना ।
राज्य सरकार।
सामाजिक न्याय तथा सीमान्त लोग।
न्यायपालिका तथा संसदीय सरकार एवं संविधान।
लिंग-भेद समाप्ति।
(ख)अध्यापन सम्बन्धी मुद्देः 20 प्रश्न
सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन की अवधारणा तथा पद्धति।
कक्षा की प्रक्रियाएं, क्रियाकलाप तथा व्याख्यान।
विवेचित चिन्तन का विकास करना, प्रोजेक्ट कार्य तथा मूल्यांकन।
पूछताछ / अनुभवजन्य साक्ष्य।
सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं।
श्रोत प्रारम्भिक तथा माध्यमिक।