कोरोना वाइरस वैक्सीन (Corona Virus Vaccine)
कोरोना वाइरस (कोविड-19) नामक वैश्विक महामारी आज सम्पूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन चुकी है। कोरोना वाइरस (कोविड-19) से विश्व भर में अब तक 7,62,82,351 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 16,69,982 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना वाइरस से विश्व का सबसे अधिक प्रभावित देश संयुक्त राज्य अमेरिका है जहां पर अब तक 1,76,49,547 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से 3,16,147 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना वाइरस (कोविड-19) से विश्व का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश भारत है जहां पर अब तक 1,00,31,223 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से 1,45,477 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, 95,80,402 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना वाइरस (कोविड-19) से भारत का सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहं पर अब तक 18,92,707 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से 48,648 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा 17,81,841 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। भारत में कोरोना वाइरस (कोविड-19) से सर्वाधिक प्रभावित सात राज्य क्रमशः महाराष्ट्र, कर्नाट्क, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश हैं जहां पर अब तक पाये गये संक्रमितों की संख्या क्रमशः 18,92,707, 9,08,275, 8,78,285, 8,05,777, 7,00,158, 6,15,914 तथा 5,73,401 हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वाइरस (कोविड-19) के संक्रमण के कारण मृत्यु दर सबसे अधिक है। भारत में कोरोना वाइरस (कोविड-19) के संक्रमण के कारण मृत्यु दर अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है।
कोरोना वाइरस (कोविड-19) के संक्रमण की घातक महामारी से निजात पाने के लिए विश्व के तमाम देश कोरोना वाइरस (कोविड-19) की वैक्सीन बनाने में दिन रात एक कर जी जान से लगे हुए हैं। कुछ देशों ने कोरोना वाइरस (कोविड-19) की वैक्सीन बना ली है तथा टीकाकरण कर रहे हैं।
हाल ही में अमेरिका ने कोरोना वाइरस (कोविड-19) की “फाइजर” नामक वैक्सीन तैयार कर लिया है जो क्लिनिकल ट्रायल में 95 प्रतिशत सफल पायी गयी है । “फाइजर” वैक्सीन को -700 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जाता है। उक्त “फाइजर” नामक वैक्सीन का संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार द्वारा अपने नागरिकों का टीकाकरण किया जा रहा है। अमेरिकी बायोटेक कम्पनी “मॉडर्ना” द्वारा निर्मित एक और वैक्सीन को मन्जूरी देने की तैयारी अमेरिका कर रहा है। अमेरिकी सरकार द्वारा उक्त वैक्सीन को भी शीघ्र ही मंजूरी देते हुए टीकाकरण महाअभियान में सम्मिलित किया जायेग।
ब्रिटेन ने भी कोरोना वाइरस (कोविड-19) की वैक्सीन बना लिया है तथा मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण का अभियान शुरू अपने नागरिकों को टीका लगा रहा है। ब्रिटेन की सरकार के मुताबिक अब तक एक लाख 30 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंगापुर ने भी कोरोना वाइरस (कोविड-19) की वैक्सीन बना लिया है तथा दिसम्बर 2020 के अन्त तक टीकाकरण किये जाने की प्रबल संभावना है।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियेन लूंग का कहना है कि वर्ष 2021 की पहली तीसरी तिमाही तक देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होगी जो देश के सभी नागरिकों को निःशुल्क दी जायेगी।
कनाडा, बहरीन और सऊदी ने भी कोविड-19 वैक्सीन निर्मित कर लिया है तथा अपने-अपन नागरिकों का टीकाकरण कर रहे हैं।
रूस ने कोविड-19 वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी‘ अगस्त 2020 में ही बनाकर मन्जूरी दे दी थी तथा अब तक एक लाख से अधिक लोगों टीकाकरण कर चुका है। यह वैक्सीन टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस (कोविड-19) से दो साल तक सुरक्षा देगी।
चीन की बायोफार्मा कम्पनी साइनोवैक ने कोरोना वाइरस (कोविड-19) वैक्सीन ‘कोरोनावैक‘ बना ली है जिसे चीनी सरकार द्वारा मन्जूरी देकर अपने नागरिकों को लगाया जा रहा है तथा इण्डोनेशिया को भी निर्यात की जा चुकी है।
रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोरोना वाइरस (कोविड-19) की वैक्सीन “स्पूतनिक-V” बना ली है जिसे रूसी सरकार द्वारा मन्जूरी देकर अपने नागरिकों को लगाया जा रहा है।
भारत में भारतीय कम्पनियां भी कोविड-19 वैक्सीन तैयार करने में जी जान से लगी हुई हैं परन्तु अभी तक वैक्सीन नही बन पायी है। भारत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनका के कोवीशील्ड वैक्सीन की 50 करोड़ खुराक, अमेरिकी कम्पनी नोवावैक्स से 100 करोड़ और रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से स्पूतनिक-V वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक खरीदने का करार किया है। टीकाकरण के पहले चरण मे लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, डिफेन्स कर्मियों और 50 साल से अधिक्र उम्र के लोगों, गम्भीर रोगों से ग्रस्त लोगों तथा अन्त में शेष बचे लोगों का टीकाकरण किया जायेगा।