भारतीय बजट 2021-22

भारतीय बजट 2021-22
किसी वित्तीय वर्ष में सरकार के आय-व्यय के आकलन को बजट कहा जाता है। भारत में बजट पध्दति का प्रारम्भ वाइसराय लार्ड कैनिंग के कार्यकाल में हुआ जब जेम्स विल्सन द्वारा 13 जनवरी 1869 ई0 को भारत का पहला बजट पेश किया गया जिसके कारण वाइसराय लार्ड कैनिंग को भारत में बजट पध्दति का संस्थापक कहा जाता है। स्वतन्त्र भारत का प्रथम बजट 2 नवम्बर 1947 ई0 को वित्त मन्त्री आर0 के0 शणमुगम शेट्टी द्वारा पेश किया गया था। गणतन्त्र भारत का प्रथम बजट वर्ष 1950 ई0 में वित्त मन्त्री जान मथाई नें लोकसभा में पेश किया था। बजट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत भारत के वित्तमन्त्री द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
भारत का आम बजट 2021-22 दिनांक 01 फरवरी 2021 को वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किया गया है। यह प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी के दूसरे प्रधानमन्त्रित्व कार्यकाल का तीसरा बजट है। इस बजट में वर्ष 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोंड़ रूपये व्यय किए जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 29,29,000 करोंड़ रूपये राजस्व खाते पर व्यय किये जाने तथा पूंजी व्यय 5,54,236 करोंड़ रूपये व्यय किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। बजट 2021-22 के मुख्य प्राविधान निम्नवत हैः
- वर्ष 2021-22 में 100 से अधिक सैनिक स्कूल खोले जाने,15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाने तथा भारत के आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य माडल आवासीय स्कूल खोले जाने का लक्ष्य रखा गया है। कालेजों तथा विश्वविद्यालयों की मान्यता तथा नियमित धन के दायित्वों की पूर्ति के लिए एक उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जायेगा तथा नई शिक्षा नीति 2020 लागू की जायेगी, शिक्षा मे डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जायेगा, शिक्षण संसथाओं को मजबूत किया जायेगा तथा आनलाइन शिक्षा का ढांचा बनाया जायेगा।। लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी
- बजट 2021-22 में इनकम टैक्स स्लेब में कोई बदलाव नही किया गया है यानी आयकर दाताओं को कोई रियायत नही दी गई है। 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को जिनकी पेंशन व जमा से आय है, को इन्कम टैक्स रिटर्न से छूट प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।
- वर्ष 2021 में राजकोषीय घाटा जी0 डी0 पी0 का 9.5 प्रतिशत तथा वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान बजट 2021-22 में व्यक्त किया गया है।
- बजट 2021-22 में ज्वेलरी इण्डस्ट्री को राहत देते हुए कस्टम ड्यूटी 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10.75 प्रतिशत किया गया है। दो करोंड़ से अधिक के टर्न ओवर पर जी0 एस0 टी0 आडिट को समाप्त कर दिया गया है। 95 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन होने पर आयकर की सीमा 5 करोंड़ के टर्न ओवर से बढ़ा कर 10 करोंड़ कर दिया गया है।
- बजट 2021-22 के माध्यम से टैक्स अधिकारियों की टैक्स सम्बन्धी केस रीओपेन करने करने की अवधि 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है।
- बजट 2021-22 में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोंड़ रूपये के फण्ड का प्रविधान किया गया है।
- बजट 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रूपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है जिसे पूरा करने के लिए दो सरकारी बैंकों तथा एक इंश्योरेंस कम्पनी सहित कई पब्लिक सेक्टर की कम्पनियों की हिस्सेदारी बेंची जायेगी।
- बजट 2021-22 में बीमा कम्पनियो में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (D.I.) 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्राविधान किया गया है।
- काफी समय से घाटे में चल रही कम्पनियों भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, शिपिंग कार्पोरेशन आफ इण्डिया, काटन कार्पोरेशन आफ इण्डिया, एयर इण्डिया, पवन हंस, आई0 डी0 बी0 आई0 के निजीकरण का प्राविधान बजट 2021-22 में किया गया है।
- बजट 2021-22 में कर्मचारियों को राहत देने के लिए विशिष्ट व्यय वहन करने के अध्यधीन एल0 टी0 सी0 के बदले कि, कर्मचारी को दी गई राशि पर कर छूट दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
- बजट 2021-22 में मकान खरीदने वालों तथा भूसम्पत्ति डेवलपरों को प्रोत्साहित करने के लिए आवासीय इकाइयों की विशिष्ट प्राथमिक बिक्री के लिए सुरक्षित हार्बर सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
- उच्च आय वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित आय पर से दी जाने वाली छूट को युक्तिसंगत बनाने के लिए यह प्रस्ताव किया गया कि विभिन्न भविष्य निधियों में कर्मचारियों के अंशदान पर अर्जित ब्याज की आय पर कर से छूट की सीमा को 2.5 लाख रूपये के वार्षिक अंशदान तक रखा जाये। यह प्रतिबन्ध 01.04.2021 को अथवा उसके बाद किये जाने वाले अंशदान पर ही लागू होगा।