मानव रक्त का संगठन (Organization of human blood )
मानव रक्त का 55% प्लाज्मा तथा 45% रक्त कोशिकाएं होती है।
प्लाज्माः
प्लाज्मा में 90% पानी तथा 10% अन्य पदार्थ होता है । अन्य पदार्थों में फाइब्रिनोजेन प्रोटीन तथा नमक होता है। फाइब्रिनोजेन प्रोटीन रक्त का थक्का जमने में मदद करता है, ताप नियन्त्रित करता है तथा घाव भरने का काम करता है।
रक्त कोशिकाएओं के भाग
इसके 3 भाग होते हैं-
- लाल रक्त कणिका (RBC )
- सफेद रक्त कणिका (WBC )
- प्लेटलेट्स या रक्त बिम्बाणु (Biood Platlets or Thranbocytes)।
लाल रक्त कणिका (RBC)
रक्त में लाल रक्त कण की मात्रा 90% होती है । इनकी जीवन अवधि 20 से 120 दिन होती है, इनका निर्माण अस्थि मज्जा में तथा मृत्यु यकृत एवं प्लीहा (स्पलीन) में होती है। लाल रक्त कार का मुख्य कार्य ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का संवहन करना है । इसमें हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जिसके कारण इसका रंग लाल होता है । प्लीहा को आर0 बी0 सी0 का कब्रिस्तान कहते हैं । आर0 बी0 सी0 की कमी से एनीमिया तथा पीलिया नामक रोग हो जाता है।
सफेद रक्त कणिका (WBC)
रक्त में डब्ल्यू0 बी0 सी0 की मात्रा बहुत कम होती है, इनका निर्माण व मृत्यु अस्थि मज्जा में होती है जीवन अवधि 3 से 4 दिन होती है। इसका मुख्य कार्य रोगाणुओं से शरीर की रक्षा करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना तथा घाव भरना है।
WBC दो प्रकार की होती हैः
- लिम्फोसाइटस
- मोनोसाइट्स।
लिम्फोसाइटस बीमारियों से रक्षा करती है तथा मोनोसाइटस घाव भरने का काम करती है।
WBC की कमी के कारण एच0 आई0 वी0 एड्स तथा ब्लड कैंसर नामक रोग होता है।
WBC की कमी होने पर विटामिन ए की खुराक दी जाती है।
प्लेटलेट्सः
इसकी संख्या रक्त में 4.5 से 6 लाख प्रति लीटर होती है। इनका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है, निर्माण अस्थिमज्जा में तथा मृत्यु प्लीहा में होती है। इसका कार्य शरीर में चोट लग जाने या कट जाने पर रक्त का थक्का जमा कर रक्त के बहाव को रोकना है। इसमें हिपैरिन नामक तत्व की उपस्थिति के कारण रक्त शरीर के अन्दर नहीं जमता है।
रक्त के कार्यः
- रक्त का कार्य शरीर के ताप को नियन्त्रित करना तथा रोगों/संक्रमण से शरीर की रक्षा करना।
- ऑक्सीजन (O2), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), पचे हुए भोजन, उत्सर्जी पदार्थों तथा हार्मोन का संवहन करना।
- लैंगिक वरण में सहायता करना।
- घावों को भरना तथा रक्त का थक्का बनाना।
. किन बीमारियों में प्लेटलेट्स अचानक कम हो जाता है ?
डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसी प्राण घातक बीमारियों में शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा अचानक कम हो जाती है। डेंगू ज्वर एडीज एजेप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है।
. रक्त किस प्रकार का ऊतक है ?
रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है।
. मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का कितने % होती है ?
मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग 7% होती है।
. रक्त की प्रकृति कैसी है ?
रक्त की प्रकृति क्षारीय है।
. रक्त का पी0 एच0 कितना होता है ?
जिसका पी0 एच0 मान 7.4 होता है।
. प्लेटलेट्स का क्या कार्य है ?
शरीर में चोट लग जाने या कट जाने पर रक्त का थक्का जमा कर रक्त के बहाव को रोकना है।
. मनुष्य के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कितनी होती है ?
मनुष्य के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा 4.5 से 6 लाख प्रति लीटर होती है।
. वयस्क मनुष्य के शरीर में कितना रक्त होता है ?
एक वयस्क मनुष्य के शरीर में लगभग 5 से 6 लीटर रक्त होता है । महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा 1/ 2 लीटर रक्त कम होता है।
. हीमोग्लोबिन में कौन सा लौह यौगिक पाया जाता है ?
हीमोग्लोबिन में पाया जाने वाला लौह यौगिक हीमैटिंन है।
. किस मच्छर के काटने से डेंगू ज्वर होता है ?
एडीज एजेप्टी नामक मच्छर के काटने से डेंगू ज्वर होता है।
. हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर कौन सा रोग हो जाता है ?
हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर रक्तक्षीणता (एनीमिया) नामक रोग हो जाता है।
. रक्त का थक्का बनाने के लिए कौन सी प्रोटीन आवश्यक है ?
रक्त का थक्का बनाने के लिए अनिवार्य प्रोटीन फाइब्रिनोजेन है। फाइब्रिनोजेन प्रोटीन का निर्माण यकृत में विटामिन K की सहायता से होता है।
. रक्त का थक्का बनाने में कौन सी विटामिन सहायक है ?
विटामिन K रक्त का थक्का बनाने में सहायक होता है ।
. रक्त का थक्का कितनी देर में बनता है ?
रक्त का थक्का जमने में 2 से 3 मिनट का समय लगता है।
. मनुष्य के रक्त में किस तत्व की उपस्थिति के कारण रक्त शरीर के अन्दर नही जमता है ?
हिपैरिन नामक तत्व की उपस्थिति के कारण रक्त शरीर के अन्दर नहीं जमता है।