
प्राथमिक, द्वितीयक तथा पूरक रंग (Primary, Secondary and Complementary Colours)
प्राथमिक रंग (Primary Colour)
लाल, हरे तथा नीले रंग को प्राथमिक रंग कहा जाता है । इसे मूल रंग भी कहते हैं।
रंगीन टेलीविजन में प्राथमिक रंगों लाल, हरे तथा नीले रंगों का प्रयोग किया जाता है।
द्वितीयक रंग (Secondary Colour)
दो प्राथमिक रंगों को मिलाकर द्वितीयक रंग प्राप्त किया जाता है । पीला, पीकॉक नीला तथा मैंजेटा द्वितीयक रंग है।
तीन प्राथमिक रंगों को विभिन्न अनुपातों में मिलाकर स्पेक्ट्रम के सभी रंग प्राप्त किए जा सकते हैं।
पूरक रंग (Complementary Colours)
जब दो रंग परस्पर मिलने से सफेद प्रकाश उत्पन्न करते हैं तो उसे पूरक रंग कहा जाता है।
वस्तुओं के रंग (Colour of Objects)
जब प्रकाश की किरणें वस्तुओं पर आपतित होने के पश्चात परावर्तित होकर हमारी आंखों पर पड़ती है तो वस्तुएं हमें दिखाई देने लगती है। अतः इस प्रतिक्रिया में वस्तुएं प्रकाश का कुछ भाग परिवर्तित करती है और कुछ भाग अवशोषित कर लेती है।
अपारदर्शी वस्तुओं का रंग उनकी द्वारा परावर्तित प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है।
पारदर्शी वस्तुओं का रंग उनके पार होने वाले प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है।
प्रकाश तरंगों का व्यतिकरण (Interference of Light Wave)
जब सामान आवृत्ति तथा समान आयाम की दो प्रकाश तरंगें जो कि मूलतः एक ही प्रकाश श्रोत से एक ही दिशा में संचारित होती है तो माध्यम से कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश की तीव्रता अधिकतम तथा कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश की तीव्रता न्यूनतम पाई जाती है, इस घटना को ही प्रकाश तरंगों का व्यतिकरण कहा जाता है।
उदाहरण- जल की सतह पर फैली हुई मिट्टी के तेल की परत तथा साबुन के बुलबुले का सूर्य के प्रकाश में रंगीन दिखाई देना प्रकाश तरंगों के व्यतिकरण का उदाहरण है।
प्रकाश के व्यतिकरण को सर्वप्रथम 1802 ई0 में थामस यंग नामक वैज्ञानिक ने प्रयोगात्मक रूप में दर्शाया था।
दो प्राथमिक रंगो को मिलाने से प्राप्त होने वाले रंगः
नीला + हरा = पीकाक नीला
लाल + हरा = पीला
लाल + नीला = बैगनी।
विभिन्न रंगों के मिश्रण से प्राप्त होने वाले रंगः
लाला + हरा = पीला
हरा + नीला = पीकाक नीला
लाला + नीला = मैंजेटा
हरा + मैंजेटा = सफेद
नीला + पीला = सफेद
लाल + हरा + नीला = सफेद
लाल + पीकाक नीला = सफेद।
विभिन्न वस्तुओं के परावर्तित रंग
वस्तु | सफेद किरणों में | लाल किरणों में | हरी किरणों में | पीली किरणों में | नीली किरणों में |
सफेद कागज | सफेद | लाल | हरा | पीला | नीला |
लाल कागज | लाल | लाल | काला | काला | काला
|
हरा कागज | हरा | काला | हरा | काला | काला |
पीला कागज | पीला | काला | काला | पीला | काला |
नीला कागज | नीला | काला | काला | काला | नीला |
रंगो के गुण (Charactoristics of Colour)
मानव नेत्र की रेटिना में बहुत ही संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं जो दो प्रकार की होती हैः शंकु तथा छड़।
छड़ के आकार की कोशिकाएं प्रकाश की तीव्रता के अनुरूप प्रतिक्रिया करती है जिससे रंगों का आभास होता है।
शंकु के आकार की कोशिकाएं रंगों के अनुरूप प्रतिक्रिया करती है जिससे रंगों का आभास होता है।
कुछ व्यक्तियों की आंखों में रेटिना में कुछ शंकु नहीं होते जिसके कारण वह कुछ रंगों को नहीं देख पाते जो कि एक अनुवांशिक दोष होता है ऐसे तो सकते हैं परन्तु उनमें रंगों का अन्तर करने की क्षमता नहीं होती।
. जल की सतह पर फैली हुई तेल की परत किसका उदाहरण है?
प्रकाश के व्यतिकरण का।
. सूर्य के प्रकाश में साबुन के बुलबुले का रंगीन दिखाई देना किसका उदाहरण है?
प्रकाश के व्यतिकरण का।
. जिन व्यक्तियों की आंखों में रेटिना में कुछ शंकु नहीं पाए जाते उनमें कैसा दोष होता है?
अनुवांशिक दोष होता है जिसके कारण रंगों का अन्तर करने की क्षमता नहीं पाई जाती।
. मानव नेत्र की रेटिना में कितने प्रकार की संवेदनशील कोशिकाएं होती है?
दो प्रकार कीः छड़ तथा शंकु।
. लालू तथा नीला रंग मिलाने पर कौन सा रंग बनता है?
मैंजेटा।
. नीला तथा हरा रंग मिलाने से कौन सा रंग बनता है?
पीकाक नीला।
. पारदर्शी वस्तुओं का रंग किस पर निर्भर करता है?
वस्तु के पार होने वाले प्रकाश के रंग पर।
. अपारदर्शी वस्तुओं का रंग किस पर निर्भर करता है?
वस्तु द्वारा परिवर्तित होने वाले प्रकाश के रंग पर।
. द्वितीयक रंग कैसे प्राप्त किया जाता है?
2 प्राथमिक रंगों को मिलाकर।
. प्राथमिक रंग कौन कौन है?
लाल हरा नीला।
. प्राथमिक रंग को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
मूल रंग।
. रंगीन टेलीविजन में किस रंग का प्रयोग किया जाता है?
प्राथमिक रंग- लाल, हरा तथा नीला।