
किसी द्रव का स्वतन्त्र पृष्ठ सिकुड़ कर कम से कम क्षेत्रफल घेरने की कोशिश करता है जिसके कारण स्वतन्त्र पृष्ठ तनी हुई झिल्ली की तरह व्यवहार करता है जिसे पृष्ठ तनाव कहते हैं। पृष्ठ तनाव का मात्रक न्यूटन/ मीटर2 है।
द्रव का ताप बढ़ने पर पृष्ठ तनाव घटता है तथा ताप घटने पर पृष्ठ तनाव बढ़ता है तथा क्रान्तिक ताप पर पृष्ठ तनाव शून्य होता है।
- समुद्र की लहरों को शान्त करने के लिए उन पर तेल डाल दिया जाता है।
- जल की सतह पर मच्छरों का लार्वा पृष्ठ तनाव के कारण होता है जिस पर मिट्टी का तेल डाल देने पर जल का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है तथा लार्वा जल के अन्दर डूब कर नष्ट हो जाता है।
- पृष्ठ तनाव के कारण शेविंग ब्रश को जेल से बाहर निकालने पर उसके बाल आपस में चिपक जाते हैं।
- डिटर्जेंट या साबुन से धुलने पर पृष्ठ तनाव कम होने के कारण गन्दे कपड़े साफ हो जाते हैं।
- साबुन के घोल से बुलबुले का बनना।
- सुई का पानी पर तैरता दिखाई देना।
केशिकात्व (Capillarity)
द्रवों का वह गुण जिसके कारण केशनली में ऊपर चढ़ता है या नीचे उतर आता है केशिकात्व कहलाता है। केशनली में द्रव का ऊपर चढ़ना केशनली की त्रिज्या पर निर्भर करता है।
केशिकात्व के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण-
- लालटेन या लैम्प की बत्ती में तेल का ऊपर चढ़ना।
- जलती हुई मोमबत्ती में मोम का पिघलना।
- पेड़-पौधों में तनों एवं पत्तियों तक पानी तथा भोज्य पदार्थ केशिकात्व के कारण ही पहुंचता है।
- ब्लाटिंग पेपर स्याही को सोख लेता है।
- जुताई करने के बाद खेतों की मिट्टी में बनी केशनलियां टूट जाने के कारण पानी ऊपर नहीं आ पाता तथा नमी बनी रहती है।
सीमान्त वेग (Marginal velocity)
जब कोई वस्तु किसी द्रव में गिरती है तो पहले उसका वेग बढ़ता है बाद में उसका वेग नियत हो जाता है इसे सीमान्त वेग कहते हैं। सीमांन्त वेग वस्तु की त्रिज्या की अनुक्रमानुपाती होता है। इसी कारण भारी वस्तु अधिक वेग से तथा हल्की वस्तु कम वेग से गिरती है।
सीमान्त वेग का उदाहरणः
पैराशूट की सहायता से व्यक्ति का पृथ्वी पर उतरना।
क्रान्तिक वेग (Critical velocity)
जब ऊपर से नीचे गिरती हुई वस्तु का श्यान बल गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर हो जाता है तो वस्तु पर शुद्ध बल शून्य हो जाता है तथा स्थिर वेग से गिरने लगती है इसी वेग को क्रान्तिक वेग कहते हैं।
क्रान्तिक वेग वस्तु के आकार पर निर्भर करता है। छोटे आकार की वस्तु पर क्रान्तिक वेग अधिक तथा बड़े आकार की वस्तु पर क्रान्तिक वेग कम होता है। क्रान्तिक वेग में त्वरण शून्य होता है।
ससंजक बल (Suppressive force)
एक ही पदार्थ के विभिन्न अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण बल को ससंजक बल कहते हैं। पृष्ठ तनाव का कारण ससंजक बल ही होता है अर्थात ससंजक बल अधिक होने पर पृष्ठ तनाव अधिक होता है तथा ससंजक बल कम होने पर पृष्ठ तनाव कम होता है। द्रव अपने इसी गुण के कारण बर्तन की दीवारों को गीला करता है।
. आसंजक बल (Adhesive force) क्या है?
विभिन्न पदार्थों की अणुओं के मध्य कार्य करने वाले बल को आसंजक बल कहते हैं।
. ससंजक बल क्या हैं?
एक ही पदार्थ के विभिन्न अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण बल को ससंजक बल कहते हैं।
. पृष्ठ तनाव का क्या कारण है?
पृष्ठ तनाव का कारण ससंजक बल है।
. द्रव अपने किस गुण के कारण बर्तन की दीवारों को गीला करता है?
ससंजक बल के कारण।
. ससंजक बल का पृष्ठ तनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है?
ससंजक बल अधिक होने पर पृष्ठ तनाव अधिक होता है तथा ससंजक बल कम होने पर पृष्ठ तनाव कम होता है।
. क्रान्तिक वेग किस पर निर्भर करता है?
क्रान्तिक वेग वस्तु के आकार पर निर्भर करता है। छोटे आकार की वस्तु पर क्रान्तिक वेग अधिक तथा बड़े आकार की वस्तु पर क्रान्तिक वेग कम होता है।
. क्रान्तिक वेग में त्वरण कितना होता है?
क्रान्तिक वेग में त्वरण शून्य होता है।
. लालटेन या लैम्प की बत्ती में तेल किस कारण ऊपर चढ़ता है?
केशिकात्व के कारण।
. पेड़-पौधों में तनों एवं पत्तियों तक पानी तथा भोज्य पदार्थ किस कारण पहुंचता है?
केशिकात्व के कारण।
. जुताई करने के बाद खेतों की मिट्टी में बनी केशनलियां टूट जाने के कारण पानी ऊपर नहीं आ पाता तथा नमी बनी रहती है ऐसा क्यों होता है?
केशिकात्व के कारण।
. ब्लाटिंग पेपर स्याही क्यों सोख लेता है?
केशिकात्व के कारण।
. जलती हुई मोमबत्ती में मोम क्यों पिघलती है ?
केशिकात्व के कारण।
. सुई पानी पर क्यों तैरती दिखाई देती है ?
पृष्ठ तनाव के कारण।
. साबुन के घोल से बुलबुले क्यों बनते हैं ?
पृष्ठ तनाव के कारण।
. डिटर्जेंट या साबुन से धुलने पर गन्दे कपड़े क्यों साफ हो जाते हैं?
पृष्ठ तनाव कम होने के कारण।
. जल की सतह पर मच्छरों का लार्वा क्यों होता है?
पृष्ठ तनाव के कारण।
. जल की सतह पर मिट्टी का तेल डाल देने पर मच्छरों का लार्वा क्यों नष्ट हो जाता है?
मिट्टी का तेल डाल देने पर जल का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है तथा लार्वा जल के अन्दर डूब कर नष्ट हो जाता है।